लोहरदगा : जन्म देने वाली मां ने नवजात शिशु को जान से मारने की पूरी योजना बना ली थी। पैदा होने के करीब तीन घंटे बाद ही श्मशान घाट की जमीन में उसे जिंदा दफन कर दिया था। हालांकि बच्चे ने मौत को मात दे दी। अभी वह पास के गांव वालों का चहेता बना हुआ है। कई दंपत्ति उसे गोद लेना चाह रहे हैं। पुलिस भी इस मामले की छानबीन में जुट गई है। उसके असली मां का पता लगा रही है।
यह मामला जिले के कुड़ू थाना का है। जानकारी के मुताबिक थाना क्षेत्र के चंदलासो डैम के समीप स्थित श्मशान घाट में 9 अगस्त की शाम करीब 7 बजे एक जिंदा नवजात शिशु जमीन में गड़ा मिला। एक आदमी श्मशान घाट के पास से गुजर रहा था, उसने इस बच्चे के रोने की आवाज सुनी। वहां जाकर देखा तो एक नवजात जमीन में गड़ा था। उसने बच्चे को बाहर निकाला। फिलहाल बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है। जमीन में बच्चे के गड़े होने की सूचना कुछ ही देर में गांव में आग की तरह फैल गई। आसपास के ग्रामीण जमा हो गए।
ग्रामीणों से सूचना मिलने पर कुडू थाना प्रभारी अनिल उरांव, एसआई मुरारी कुमार वहां पहुंचे। मामले की जानकारी ली। बच्चे को गांव की महिलाएं अपने पास रखकर उसे दूध पिला रही हैं। चंदलसो गांव में कई दंपत्ति उस बच्चे को गोद लेना चाह रहे हैं। वहीं लोग यह भी चर्चा कर रहे हैं कि क्या कोई मां इतनी निर्दयी हो सकती है, जो बच्चे को जन्म देने के बाद जिंदा ही जमीन में गाड़ दें।
थाना प्रभारी उरांव ने बताया कि बच्चा स्वास्थ्य है। नवजात के माता पिता की तालाश भी शुरू कर दी गयी है। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी। बताया जाता है कि बच्चा सुबह लगभग 9-10 बजे लगभग जन्म लिया है। दोपहर 12 से 1 बजे के बीच सन्नाटा देख नवजात शिशु को कपड़े से लपेट कर डैम के किनारे एक छोटा सा गड्ढेनुमा जगह पर रख घासफूस से ढंक का छोड़ दिया गया था।
नवजात शिशु लगभग 3 किलोग्राम का लड़का है। बच्चे में चींटी लग गयी थी। जगह-जगह पर बच्चे को चींटी काट दी थी। पुलिस गहन जांच पड़ताल कर रही है। थाना प्रभारी ने संकेत दिया कि जन्म देनेवाली मां का जल्द ही खुलासा हो जाएगा। घटना की जानकारी मिलते ही बाल संरक्षण के पदाधिकारी भी कुड़ू पहुंच कर मामले की जानकारी ली।
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