Saturday, August 8, 2020

सुशांत सिंह राजपूत केस- घटनास्थल पर दो दिन बाद पहुंची थी फोरेंसिक टीम? केस को लेकर उठे सवाल...

बॉलीवुड: हाल ही में आए एक रिपोर्ट के अनुसार इस केस में अब फोरेंसिक डिपार्टमेंट पर भी सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर 2 दिनों के बाद पहुंची थी। मिड-डे की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक फॉरेंसिक सर्जन ने कथित तौर पर खुलासा किया था कि सुशांत की बॉडी का परिक्षण करने वाले फोरेंसिक सर्जनों ने फिंगर स्वब्स और नेल क्लिप्पिंग्स को इकट्ठा नहीं किया था। वहीं, नए रिपोर्ट में सामने आया है कि फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर सुशांत के निधन के दो दिनों बाद पहुंची थी। यह एक हैरान कर देने वाली और गैर जिम्मेदारी वाली बात है। क्योंकि दो दिनों में सबूतों के साथ कई तरह की छेड़छाड़ की जा सकती है। 

पंखा सीधा कैसे था!

 एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स सवाल उठा रहे हैं कि सुशांत सिंह के बैडरूम का पंखा सीधा कैसे था। यानी सुशांत जितने वजन वाला शख्स पंखे से लटकेगा तो पंखा कुछ टेढ़ा हो जाना चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने इस तरफ जांच नहीं की। 

मुंबई पुलिस की लापरवाही

सुशांत केस में मुंबई पुलिस भी अब सवालों के घेरे में नजर आ रही है। सुशांत के फॉरेंसिक जांच में देरी होना, डायरी के पन्ने फटे होने जैसे बातों को पूरी से नजरअंदाज कर दिया गया है। 

फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट्स नहीं था मौजूद

रिपोर्ट में यह भी ये कहा गया है कि 16 जून को जब वे सबूत जुटाने के लिए सुशांत के अपार्टमेंट में गए तो फोरेंसिक टीम एक्सपर्ट्स के साथ कोई फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट्स मौजूद नहीं था। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि 'पुलिस सर्जन, जो राज्य के मेडिको-लीगल एडवाइजर भी हैं की फोरेंसिक सलाह के लिए जांच करने वाली पुलिस टीम से भी संपर्क नहीं किया गया

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