पटना -बिहार में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में टूट लगभग तय मानी जा रही है। जेडीयू से लगातार नाराज चल रही लोक जनशक्ति पार्टी शनिवार शाम गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर सकती है। यही नहीं माना जा रहा कि पार्टी बिहार चुनाव में अकेले उम्मीदवारी का दांव खेलेगी। खुद पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान इस पर आखिरी फैसला लेंगे। वहीं इस बदले सियासी घटनाक्रम में जो बात तो साफ तौर से उभर कर सामने आ रही, वो यही है कि एलजेपी का पूरा गुस्सा जेडीयू से है, बीजेपी से उसकी नाराजगी नहीं है। ऐसे में माना जा रहा कि पार्टी 'मोदी से कोई बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं...' इसी नारे के साथ बिहार चुनाव में उतरेगी।
*केंद्र में जारी रहेगा एलजेपी-बीजेपी का साथ!*
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान अगर बिहार में एनडीए से अलग होने का ऐलान करते हैं तो भी एलजेपी खुद को बीजेपी के साथ गठबंधन के तौर पर ही खुद को पेश करेगी। केंद्र में एलजेपी का गठबंधन एनडीए के साथ रहेगा और रामविलास पासवान केंद्र सरकार में मंत्री बने रहेंगे। पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एलजेपी के वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान और चिराग पासवान के नाम पर वोट मांगेगी करेगी। बीजेपी के खिलाफ एलजेपी उम्मीदवार नहीं उतारेगी लेकिन जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर वह उम्मीदवार उतारेगी।
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