कोरोना वायरस संकट मार्च से लगातार जारी है. झारखण्ड में पंचायत चुनाव के लिए अब तक इसकी घोषणा नहीं हुई है. राज्य के मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों ने पंचायत चुनाव कराये जाने की गुहार झारखण्ड सरकार से लगा रहे हैं. चुनाव अगर संभव न हों तो वित्तीय शक्ति के साथ कार्यकाल आगे बढ़ाने की अपील भी की जा रही है. पर संवैधानिक प्रावधानों के चलते ऐसा हो पाना संभव नहीं लग रहा है. झारखण्ड में पिछले पाँच सालों में कई गाँव व वार्ड को काट कर नगर पंचायत, नगर परिषद व नगर निगम में भी शामिल कर पुर्नगठन किया गया है. वहां फिर से परिसीमन करना पड़ेगा. पंचायती राज विभाग के अनुसार, चक्राक्रम (रोस्टर) के तहत हर स्तर पर आरक्षण तय किया जाता है. हर पाँच साल में रोस्टर बदलता है. नगर पंचायत, नगर परिषद, नगर निगम नया बनाने के बाद नया परिसीमन, रिजर्वेशन करना, नये वोटर लिस्ट तैयार करना, गजट नोटिफिकेशन के बाद सुधार के काम भी नहीं किये जा सके हैं. झारखण्ड के 14 नगर निकायों में अधिकारियों को विकास कार्यों की बागडोर सौंपी गयी है._
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