दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। जल्द ही अलग अलग दलों के उम्मीदवार अपना नामांकन भी दाखिल भी करेंगे। हो सकता है चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को ये हलफमाना देना पड़े कि उन या उनके परिवार के किसी सदस्य ने बैंक से लिये गये कर्ज के भुगतान में कोई डिफॉल्ट तो नहीं किया है।
दरअसल बैंक यूनियनों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ये मांग की है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव हलफनामे में यह अनिवार्य शर्त होनी चाहिए कि बैंक लोन के भुगतान में उनके और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा कोई डिफ़ॉल्ट को नहीं किया गया है। बैंक यूनियनों ने ये पत्र मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा है।
बैंक यूनियनों ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया है कि जब बैंक किसी भी सामान्य व्यक्ति को कर्ज देना है तो CIBIL स्कोर रिपोर्ट की मांग की जाती है, जो उस व्यक्ति की लोन देने की योग्यता को दर्शाता है। और यदि किसी सामान्य व्यक्ति को बैंक से ऋण लेना है तो केवल इस सत्यापन के बाद ही बैंक किसी व्यक्ति को लोन देती है। बैंक यूनियनों ने चुनाव आयोग से मांग की है कि चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को अपने बैंकर से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्रस्तुत करना अनिवार्य किया जाना चाहिए कि उनके और उनके परिवार के सदस्यों के उपर बैंकों का कोई बकाया / डिफ़ॉल्ट तो नहीं है।
गौरतलब है कि नामांकन के लिए उम्मीदवारों को लंबित आपराधिक मामलों, चल और अचल संपत्तियों सहित विदेशी संपत्ति, देनदारियों, आय के स्रोत और पानी के बिल, बिजली का बिल और घर का किराया का कोई बकाया है या हल्फनहीं जैसे कुछ विवरण प्रस्तुत करने होंते हैं।
बैंकिंग सक्टर के जानकार और वॉयस ऑफ बैकिंग के फांउंडर सदस्य अश्विनी राणा के मुताबिक आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों द्वारा दायर किए जाने वाले चुनाव हलफनामे में एक अनिवार्य शर्त को जोड़ा जाना चहिये कि उसका या उसके परिवार का बैंक का कोई बकाया/ डिफ़ॉल्ट नहीं है और इस सन्दर्भ में "उम्मीदवार अपने बैंकर से अनापत्ति प्रमाण (NOC) पत्र प्रस्तुत करें। इस तरह से बैंकों के डिफाल्टर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे और कोई भी वास्तव में चुनाव लड़ना चाहता है तो बैंक से अपने बकाये का एनओसी लाएगा।
No comments:
Post a Comment