राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज जहां नामांकन पाना हर मेडिकल स्टूडेंट्स का सपना होता है, वहां भी जूनियर डॉक्टरों को कई बुनियादी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है!
हॉस्टल वार्डेन की निष्क्रियता की वजह से आए दिन वाटर प्यूरीफायर खराब रहता है जिससे लोगों को पानी भी खरीद के पीना पढ़ता हैं!
होस्टल में कहीं भी गीजर नहीं होने की वजह से ऐसी सर्दियों में भी ठंढे पानी से नहाने को मजबूर हैं लोग!
खाने का मेस भी राम भरोसे: मेस की सही सुविधा नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जो चल रहे हैं वहां मिलावट के मसाले और निम्न कोटि के समान इस्तेमाल किया जाता हैं!
नहीं है जीम की सुविधा : जहां आज हजारीबाग जैसे नये मेडिकल कॉलेज में जिम है, लेकिन रिम्स जैसे बड़े कॉलेज में जहां 1500 से ज्यादा डॉक्टर अपनी सेवा देते हैं वहां एक जिम तक नहीं हैं!
सरकार की ध्यान इस ओर जाती ही नहीं, जब चिकित्सक ही स्वस्थ्य नहीं रहेंगे तो राज्य के लोग कैसे स्वस्थ्य रह सकते हैं!
सरकार से आग्रह है कि इस ओर ध्यान दिया जाये ताकि रिम्स में एक स्वस्थ्य वातावरण बन सके और राज्य के चिकित्सक भी स्वस्थ्य रह सकें!!
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