आदित्यपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र के हरिओमनगर निवासी पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के साले कन्हैया सिंह की हत्या के मामले की कहानी परत-दर-परत खुलती गयी है। इस मामले में मुख्य कहानी जो सामने आयी है, उसके अनुसार प्रेम संबंध में बाधक बनने के कारण प्रेमी राजबीर सिंह ने अपराधियों के साथ मिलकर साजिशकर प्रेमिका के पिता कन्हैया सिंह की हत्या करा दी।
प्यार की कहानी डीएवी एनआइटी स्कूल आदित्यपुर से शुरू होती है जहां अपर्णा और राजवीर पढ़ते थे। कक्षा आठ से पनपा प्यार स्कूल के बाद भी जारी रहा। राजवीर का पैतृक घर कन्हैया सिंह के हरिओमनगर स्थित घर के पास ही माझीटोला में था। इस प्रेम प्रसंग से नाराज़ कन्हैया सिंह ने कई बार राजवीर और उसके परिवार को धमकाया, पीटा और बेटी से दूर रहने की चेतावनी दी। यहां तक कि माझीटोला में आकर राजवीर के परिवार को जलील किया और राजवीर को पीटकर अपनी लाईसेंसी पिस्टल भी तान दी थी। इंटर पास होने के बाद बेटी का दाखिला बैंगलोर कराया और उसकी शादी कहीं और करा देने की बात कही। राजवीर और अपर्णा के मिलने पर रोक लगा दी गई। अपर्णा को घर पर ही रहने को मजबूर किया गया. लेकिन फोन पर वह राजवीर से संपर्क में रहती थी। उधर राजवीर के परिवार को कन्हैया सिंह ने इतना डराया कि वे लोग माझीटोला छोड़कर मानगो रहने लगे। इन घटनाक्रमों से नाराज़ राजवीर पिछले तीन सालों से कन्हैया सिंह को मारने की बात करता था। उसने आपराधिक चरित्र के अपने पड़ोसी निखिल गुप्ता से ये बातें साझा की. निखिल गुप्ता ने कहा कि वह भी कन्हैया सिंह को पसंद नहीं करता है क्योंकि हरिओमनगर रोड नं पांच की ओर जाने पर वह डांटा करते हैं।
कन्हैया सिंह की हत्या के मामले में अनुसंधान में यह बातें सामने आयी है कि राजबीर सिंह और अर्पणा सिंह के मोहब्बत की कहानी पिता कन्हैया सिंह को तीन साल पहले ही सामने आ गयी थी। हत्या की कहानी सामने आने के बाद यह पता चला है कि तीन साल पहले से राजबीर अर्पणा को बोला करता था कि वह पिता को मार देगा। जब निखिल गुप्ता के साथ राजबीर ने प्लानिंग की तो उसका ऑडियो क्लिप भी अर्पणा को राजबीर ने भेजा था। अर्पणा ने उस वक्त मोबाइल से ऑडियो क्लिप को डिलीट कर दिया था, लेकिन जब पुलिस ने उसके मोबाइल की तफ्तीश की तो ऑडियो क्लिप भी मिल गया।
20 जून को प्रेमी राजबीर सिंह मुख्य शूटर निखिल गुप्ता के साथ मिलकर हत्या की योजना बनायी थी। बताया जाता है कि कदमा निवासी एक युवक आशीष से उन लोगों ने एक पिस्तौल ली थी, लेकिन चेकिंग में ही गोली और पिस्तौल खराब निकला था। इसके बाद आशीष ने अपने जीजा के पटना स्थित आवास में रखवाकर पिस्तौल और कारतूस दिलाये थे। पटना में पिस्तौल और कारतूस लेने के बाद प्रेमी राजबीर सिंह के एमजी हेक्टर गाड़ी संख्या जेएच05सीवाई-3902 पर सवार होकर वहां से सोनपुर गये। सोनपुर में कन्हैया सिंह अपनी बेटी और परिवार के साथ गये हुए थे। वहां कोई पारिवारिक कार्यक्रम था. इस दौरान पता राजबीर नहीं जानता था। राजबीर सिंह ने बेटी अर्पणा से लाइव लोकेशन लिया। इसी लाइव लोकेशन के जरिये वह सोनपुर पहुंचा, लेकिन वहां काफी भीड़ थी। इस बीड़ को देखकर वे लोग वहां से लौट गये।
29 जून को हत्या के दिन कन्हैया सिंह अपनी हत्या से बेखबर थे। वे आराम से अपने जीजा पूर्व विधायक मलखान सिंह के साथ भुइयांडीह जमशेदपुर गये। जमशेदपुर से वे आदित्यपुर लौटे और मलखान सिंह को ड्राप करने के बाद सीधे अपने घर की ओर रुख किया। इस बीच आदित्यपुर सरीता टॉकीज के पास बेटी ने फोन किया कि वह कहां है। बेटी को पिता ने बताया कि वह सरिता टॉकीज पार कर रहा है। इसके बाद बेटी ने यह लोकेशन राजबीर को बताया। राजबीर ने हत्यारों को इसकी जानकारी दी। फ्लैट के छत पर पहले से निखिल गुपता और अन्य हत्यारे बैठे थे। वे लोग जैसे ही स्कार्पियो को फ्लैट में आते देखा, वे लोग भी घर के पास नीचे आ गये। नीचे आते ही कन्हैया ने उन लोगों को देखा तो उनको कहा कहां से आया रे तुम लोग, इसके बाद एक ही गोली निखिल गुप्ता के पास थी। निखिल ने सीधे उनके सिर में गोली मार दी, जिससे वे लहुलुहान हो गये। वे लोग वहां से भाग गये। इसके बाद बॉडीगार्ड मृत्युंजय सिंह फ्लैट की ओर दौड़ने लगा तो उसको भी पिस्तौल दिखाकर तीनों अपराधी भाग निकले। निखिल गुप्ता के पास एक ही गोली थी, लेकिन दो उसके साथियों के पास चापड़ भी था कि अगर गोली से बच गया तो कन्हैया सिंह को चापड़ से मार देंगे, लेकिन सही जगह में गोली लगी थी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। इसके बाद निखिल भागकर मानगो राजबीर के पास चला गया। इस बीच आदित्यपुर सिरिस जंगल में पिस्तौल को फेंक दिया और भाग निकला। मानगो में उसने अपने कपड़े बदले, जो राजबीर ने उपलब्ध कराये। इसके बाद राजबीर ने जिस फ्लैट में रहता था, उसी फ्लैट के बाहर खोले गये एक चप्पल को दे दिया। इसके बाद उसको प्रेमिका का अंगूठी दिया, जो हीरे का था और 1500 रुपये बी दिये। इसके बाद वह बक्सर चला गया। पुलिस ने उस हीरे के अंगूठी को भी बरामद कर लिया है जबकि पिस्तौल को भी झाड़ियों से बरामद कर लिया है, जो हत्या के बाद जंगल में फेंका गया था।
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