रांची: आज कोल इंडिया लिमिटेड की तरफ से खनन के लिए ली गयी जमीन के एवज में 250 करोड़ रुपये का प्रथम भुगतान हुआ है। मैं खुश नहीं हूँ क्योंकि लगभग 65000 करोड़ का बकाया इन कंपनियों पर है।
खदानों के राष्ट्रीयकरण के बाद के वर्षों में लगभग 50000 एकड़ जमीन इन सरकारी कंपनियों को दी गयी हैं। मैं तो झारखंड का एक-एक पाई लाने के लिए पूरा प्रयास करूंगा पर अफसोस रहेगा कि मेरे पूर्व राज्य को अनेकों मुख्यमंत्री मिले पर इस मुद्दे पर सभी ने चुप्पी साधना स्वीकार किया।
लड़ाई लंबी है, पर राज्य की जनता ने मुझे जिस विश्वास से चुना है उस पर खरा उतरने के लिए सतत प्रयत्नशील हूँ। कोयला का धूल फांके मेरे राज्य के लोग, विस्थापन का दंश झेले हम और मुनाफा कमाने वाली CIL और इनकी जैसी कम्पनियाँ राज्य का वाजिब हक भी न दे।
अब यह नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री Hemant Soren
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